महाविद्यालय में Financial Literacy Programme
आज दिनांक 15.09.2016 को महाविद्यालय में SEBI के तत्वावधान में Financial Literacy Programme - "A Step towards Financial Wellness" का आयोजन किया गया जिसमे वितीय साक्षरता के संबध में जागरूकता की जानकारी श्री सिधांत अग्रवाल के द्वारा प्रशिक्षथियो की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया | कार्यक्रम में समस्त अकादमिक सदस्य तथा बी.एड. एवं एम. एड. के प्रशिक्षथियो उपस्थित रहे|
महाविद्यालय में परामर्श सेवाएँ
महाविद्यालय में दिनांक 14.09.2016 से 19.09.2016 तक परामर्श सेवाओं के तहत जिले के निजी विद्यालयों केशिक्षको /प्रतिनिधियों को 05 दिवसीय "साझा पहल" कार्यक्रम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है|
महाविद्यालय में "पालक" सम्मेलन
दिनांक 09.09.2016 से 10.09.2016
महाविद्यालय में अध्यनरत प्रशिर्क्षर्थियो के पालको का सम्मेलन महाविद्यालय में दिनांक 09.09.2016 से 10.09.2016को आयोजित किया गया जिसमें पालकों के सुझाव आमंत्रित किये गये एवं महाविद्यालय का फीडबैक लिया गया|
महाविद्यालय में प्रतिभा सम्मान व छात्रसंघ शपथ ग्रहण समारोह
दिनाक 10.09.2016
शासकीय शिक्षा महाविद्यालय, शंकर नगर, रायपुर में दिनांक 10.09.2016 को माननीय मंत्री जी केदार कश्यप, स्कूल शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के मुख्या आतिथ्य में प्. रविशंकर विश्व विधालय रायपुर की वर्ष 2014- 15 की एम. एड. परीक्षा की प्रावीण्य सूची में महाविद्यालय के 09 पर्शिक्षर्थियो द्वारा स्थान प्राप्त करने के उपलक्ष्य में उनका सम्मान परक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर किया गया एवं महाविधालय की वर्ष 2016-17 हेतु गठित छात्रसंघ के पदाधिकारियों को शपथ दिलाई गई|
चेतना विकास मूल्य शिक्षा
परिचय शिविर 26.08.2016 से 02.09.2016
मनोज वर्मा और गोरीकांता साहू मेडम द्वारा बी.एड व म.एड (प्रथम व् दिव्तीय वर्ष दोनों के प्रशिक्षार्थियो) को दिया जा रहा हें|
इसमें मानव जीवन में शिक्षा और समझ को विकसित करने पर बल दिया जा रहा हें |
विभिन्न आकडों के दवरा इन्होने यह सिद्धकर दिया की हमारे पास प्रयाप्त प्राकतिक वस्तुए हें बस उन्हें समझदारी पूर्वक करने की आवश्यकता हें|
समय समय पर विभिनसूत्र भी दिए जा रहे हें जेसे मूलतःमानव गलती करना नही चाहता हें|
मानव का मानव के साथ सुख प्राप्ति के लिए किया जाने वाला कार्यक्रम व्यवहार हें|
मानव का शेष प्रकृति के साथ सुविधा प्राप्ति के लिए किया जाने वाला कार्यक्रम कार्य हें
"अपने पराये के बीच दिवार हटाये बिना सुख नही मिल सकता|"
"जो जिसका अपव्यय करेगा, वह उससे वंचित हो जायेगा |
आज का गलत से गलत इंसान कल कितना सही हो जायेगा ?इसकी हम कल्पना नही कर सकते, क्योकि हर इंसान कम-से कम 51% सही होता हें|