शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय में शिक्षा के अधिकार एवं बाल अधिकार पर व्याख्यान का आयोजन।
शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर छ.ग. में 19-04-2024 को शिक्षा के अधिकार और बाल अधिकार पर सारगर्भित व्याख्यान श्री राजीव गुप्ता जी ( संचालक श्रद्धा पब्लिक स्कूल और अध्यक्ष निजी विद्यालय संचालक समिति )द्वारा दिया गया । बाल अधिकार, निःशुल्क शिक्षा ,शिक्षा के अधिकार का अधिनियम, विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों के दायित्व कैसे बच्चों के हित में उपयोगी हो बच्चों की सक्रियता व ऊर्जावान बनाने , व भावी जीवन में अच्छा नागरिक बनने जिससे समाज को लाभ हो सके कार्यक्रम में महाविद्यालय की तरफ की प्राचार्य श्रीमती पुष्पा किस्सपोटटा द्वारा अतिथि का स्वागत करते हुए शिक्षा के कार्यक्रम प्रभारी श्रीमति मंजूषा तिवारी(शिक्षा के अधिकार) और डाॅ भावना बैरागी (बाल अधिकार)और श्रीमति भावना चौहान(उपप्राचार्य),उप प्राचार्य IQAC प्रभारी श्रीमति शैफाली मिश्रा, गुणवत्ता प्रकोष्ठ प्रभारी श्रीमति सीमा अग्रवाल, शोध प्रकोष्ठ प्रभारी डाॅ विजयलक्ष्मी, बीएड प्रभारी डी. के बोदले , श्रीमति रूखमणी सोनी, श्री शेषशुभ वैष्णव,
श्रीमति स्वीटी चन्द्राकर, श्रीमति ङाॅ.लता मिश्रा, ,श्रीमती वाय महाडिक,श्रीमति सुलभा उपाध्याय,विशेष सहायता प्रकोष्ठ की उप प्रभारी श्रीमति धाराबेन
मंच व्यवस्था में कविता शर्मा ,सीमा शर्मा,स्मृति दुबे,वीरेंद्र, हेमेंद्र,जया मिश्रा- हेमधर,गंगाधर,ललित, दौलतराम एवं सभी प्रशिक्षार्थियो ने आज के कार्यक्रम को सफल बनाया।
शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय रायपुर में हुआ समावेशी शिक्षा पर व्याख्यान का आयोजन
शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर में इंटरनल क्वालिटी एस्यूरेन्स सेल के अंतर्गत शिकायत निवारण एवं विशेष शिक्षा प्रकोष्ठ द्वारा समावेशी शिक्षा पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। संस्था की प्राचार्य पुष्पा किस्पोट्टा के मार्गदर्शन और समावेशी शिक्षा प्रभारी स्वीटी चंद्राकर के निर्देशन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना व दीप प्रज्वलन से हुआ। प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि ईश्वर के द्वारा सृष्टि में मनुष्य के रूप में उत्तम रचना की परंतु कुछ में शारीरिक और मानसिक भिन्नताओं के कारण उनके शिक्षा में रुकावट आना एक समस्या है। इस समस्या को शैक्षिक अवसरों की समानता के द्वारा दूर किया जा सकता है। ऐसे अवसर प्राप्त होने से वे स्वयं को बहिष्कृत महसूस ना कर समाज की मुख्य धारा में योगदान दे पाएंगे। मंच संचालन करते हुए स्वीटी चंद्राकर ने व्याख्यान की मुख्य वक्ता पुष्पा चंद्रा का परिचय कराया और उनके द्वारा समावेशी शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों का उल्लेख किया। इसके बाद अतिथि व्याख्यान में पुष्पा चंद्रा के द्वारा समावेशी शिक्षा, उसके क्षेत्र, समावेशन हेतु सामाजिक व साँस्कृतिक पहचान और समावेशन के एतिहासिक तरीकों को विस्तार से समझाया। उन्होंने विद्यालय की विविधता तथा समावेशी शिक्षा के मुख्य सिद्धांतों और उसके स्तरों पर अपने अनुभव व्यक्त किए। इसके अलावा एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा जारी प्रशस्त एप के द्वारा शिक्षकों के 63 बिंदुओं के मूल्यांकन के बारे में जानकारी दी। विद्यालय में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के समायोजन, इस हेतु प्रयुक्त रणनीतियों, अनुकूलन और यूनिवर्सल डिजाइन ऑफ लर्निंग के अंतर्गत विद्यार्थियो के पठन को सुलभ बनाने पर बात की। आई.क्यू.ए.सी. प्रभारी शेफाली मिश्रा ने आभार प्रदर्शन करते हुए समावेशी शिक्षा की आवश्यकता को बताते हुए कहा कि कक्षा में विशेष आवश्यकता वाले ऐसे विद्यार्थी होते हैं जिनके लिए विशेष प्रबंध किए जाने की जरूरत होती है परंतु ऐसा करते समय उन्हें यह महसूस नहीं कराया जाना चाहिए कि वो दूसरों से अलग है या उनको दूसरों से अलग उपचार प्रदान किया जा रहा है। व्याख्यान में महाविद्यालय के अकादमिक सदस्य डॉ. सीमा अग्रवाल, डॉ. डी. के. बोदले, शेषशुभ वैष्णव, श्वेता सिंह, मंजूषा तिवारी, धारा बेन, भावना बैरागी, सुलभा उपाध्याय, सुलेखा बघेल एवं बी.एड. व एम.एड. के प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।
शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर में इंटरनल क्वालिटी ऐस्यूरेंस सेल द्वारा अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से किया गया। संस्था की प्राचार्य श्रीमती पुष्पा किस्पोट्टा के मार्गदर्शन और आई.क्यू.ए.सी. प्रभारी श्रीमती शेफाली मिश्रा के निर्देशन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। प्राचार्य महोदया ने अपने संबोधन में नारी को हर क्षेत्र में सशक्त होने की बात कही, तभी समाज एवं राष्ट्र की प्रगति संभव है। महिलाओं को समाज में जीवन मूल्य की अमिट छाप छोड़ने के लिए संकल्पित होने की बात कही। महिलाओं को जीवन के हर क्षेत्र में पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक क्षेत्र में अधिकारों के प्रति जागरूक होने की बात कही। आई.क्यू.ए.सी. प्रभारी ने कार्यक्रम के सभी सूत्रधारों का परिचय कराते हुए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस आयोजन में पोस्टर प्रदर्शनी, क्वीज, इनसे मिलिए, "आधी आबादी के सपने और समाज की जिम्मेदारी" पर चर्चा हुई।
"इनसे मिलिए" में समाज सेविका श्रीमती सपना ने अपने संघर्ष पर चर्चा की।
"समानता का अधिकार पाए।
हर महिला अब जाग जाए।।"
नारी शक्ति की महिमा को उद्भासित करते हुए विभिन्न नारों का उद्घोष हुआ ।
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से श्री संजय तिवारी, श्री पुरुषोत्तम ठाकुर, श्रीमती वेंकट, श्रीमती संध्या साहू, श्रीमती सिंह उपस्थित रहे। महाविद्यालय के समस्त आचार्य एवं एस.सी.ई.आर.टी. से दीपा दास उपस्थित रही।
शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय शंकर नगर रायपुर में जोन स्तरीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी, विज्ञान सेमिनार, पश्चिम भारत विज्ञान मेला, प्रश्न मंच, शिक्षण सहायक सामग्री प्रदर्शनी एवं विज्ञान नाटिका प्रतियोगिता का आयोजन दिनांक 28/02/2024 को किया गया। इस आयोजन का मुख्य विषय ‘‘समाज के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी’’ था। आयोजन का शुभारंभ एस.सी.ई.आर.टी. संचालक आई.ए.एस. श्री राजेन्द्र कटारा के मुख्य आतिथ्य एवं अतिरिक्त संचालक श्री जे.पी. रथ के विषिश्ट आतिथ्य में हुआ।
जोन स्तरीय इस प्रतियोगिता में रायपुर, बलौदाबाजार-भाटापारा, महासमंद एवं गरियाबंद जिलों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों का जिलेवार पंजीयन महाविद्यालय के प्रवेश द्वार पर किया गया। जिसमें प्रतिभागियों से पंजीयन प्रपत्र व मॉडल संबंधित सी.डी. जमा कराया गया। प्रतिभागियों व उनके मार्गदर्शकों को उनकी कक्ष व्यवस्था की सुविधा व प्रदर्शनी सामग्री के रखरखाव की सुलभ व्यवस्था की गई।
सभी प्रतिभागी तथा मार्गदर्शक शिक्षक अपने आबंटित कक्ष में प्रदर्शनी की तैयारी करने में व्यस्त हो गए। इन कक्षो में सभी के पृथक व्यवस्था को एम.एड. व बी.एड. के छात्राध्यापकों द्वारा संपादित कराया गया। प्रातः 11:30 बजे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आई.ए.एस. श्री राजेन्द्र कटारा, संचालक एस.सी.आर.टी. तथा श्री जे.पी. रथ, अतिरिक्त संचालक एस.सी.ई.आर.टी. का आगमन हुआ। महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में अतिथि द्वय के कर कमलों से फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए श्री राजेन्द्र कटारा जी ने बाल वैज्ञानिकों से कहा कि वे मौलिकता पर ध्यान दे, विभिन्न घटनाओं के पीछे की वैज्ञानिकता को पहचाने तथा खुद मे भरोसा रखते हुए भारत की समृद्ध संस्कृति और सभ्यता में वैज्ञानिक चिंतन के साथ अपना योगदान दे। संस्था प्रमुख श्रीमती पुष्पा किस्पोट्टा ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्द्धन करते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिता में भाग लेने से विद्यार्थियों एवं उनके मागदर्शक शिक्षकों के वैज्ञानिक कौशल में वृद्धि होगी व ऐसे आयोजित होन वाले अन्य कार्यक्रमों में बढ-चढकर हिस्सा ले। जोन समन्वयक डॉ. अर्चना वर्मा ने सभी अतिथियों को आयोजित होने वाले विभिन्न विधाओं के बारे में जानकारी दी तथा भाग लेने वाले प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी। मंच संचालन करते हुए महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. डी.के. बोदले ने विज्ञान दिवस के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. सी.वी. रमन के योगदान को याद किया।
इस प्रदर्शनी की खास बात यह रही कि इसमें दिव्यांग बाल वैज्ञानिकों ने भी बढ-चढकर हिस्सा लिया। प्रदर्शनी के दौरान निर्णायकों के द्वारा बारी-बारी सभी विधाओ का निरीक्षण कर बाल वैज्ञानिकों से उनके प्रादर्शों के बारे में चर्चा कर जानकारी ली गई।
उपरोक्त कार्यक्रम के पश्चात् समय था कार्यक्रम के समापन का तथा बाल वैज्ञानिकों के विभिन्न प्रदर्श नियों में निर्णायकों द्वारा चयनित प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थानों की घोषणा करने का। उक्त चयनित बाल वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु संस्था प्रमुख, राज्य समन्वयक व जोन समन्वयक द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। जोन समन्वयक डॉ. अर्चना वर्मा द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया। समापन सत्र का मंच संचालन श्री शेष शुभ वैष्णव के द्वारा किया गया।
शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय के IQAC के अंतर्गत गाइडेंस एवं काउंसलिंग प्रकोष्ठ के द्वारा कैरियर निर्देशन एवं परामर्श विषय पर बी.एड. एवं एम.एड.के छात्र अध्यापकों के लिए एक व्याख्यान का आयोजन किया गया ताकि कैरियर निर्देशन एवं परामर्श के ऊपर एक अनुप्रायोगिक धारणा बन सके इस हेतु मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर दीपा दास सहायक प्राध्यापक SCERT रायपुर को आमंत्रित किया गया, जिसमें निम्नांकित बातों पर प्रकाश डाला ।
छात्रों को कैरियर गाएडेंस एवं निर्देशन देने से पहले छात्रों की रुचि, अभिरुचि उनकी मजबूती ,कमजोरी के बारे में जानना चाहिए इसके लिए SWOT एनालिसिस के बारे में बताया गया। गाइडेंस एवं काउंसलिंग के अंतर को समझाते हुए उन्होंने छात्रों के अलग-अलग व्यक्त्तिव के बारे में मल्टीप्ल इंटेलिजेंस, इमोशनल इंटेलिजेंस, लर्निंग स्टाइल्स, कंपटेंसी, सॉफ्ट स्किल्स, मेटाकॉग्निशन लेफ्ट ब्रेन और राइट ब्रेन से जुड़े करियर के बारे में जानकारी प्रदान की उन्होंने आगे यह कहा कि जिंदगी के 40 साल हम कार्य क्षेत्र में गुजारते हैं, अगर हमारा कार्य क्षेत्र अपने रुचि का होगा तो हमारा कार्य हमारे लिए सुगम हो जाएगा इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि करियर के साथ एक मनोवैज्ञानिक पक्ष भी जुड़ा हुआ है कि अगर आप पायलट बनना चाहते हैं और आप गणित में अच्छे हैं परंतु आपको ऊंचाई से डर लगता है और आपको स्वयं भी पता नहीं है तो आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है काउंसलिंग को समझाते हुए मैडम दीपा ने गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि जब अर्जुन युद्ध क्षेत्र कुरुक्षेत्र में विषाद से भर गया था तो श्री कृष्ण ने अर्जुन की काउंसलिंग की थी, और काउंसलिंग जटिल अवस्था में काफी लंबी भी चल सकती है जैसा कि हम देखते हैं कि प्रश्नों के उत्तर देते समाधान तलाश तलाशते 18 अध्याय के गीता का संरक्षण हो गया शिक्षकों को अपने छात्रों को विषय संबंधित करियर के बारे में तो बताना ही चाहिए और साथ-साथ व्यवसाय और एंटरप्रेन्योरशिप के बारे में जानकारी देते हुए विद्यार्थियों को भविष्य में उपयोगी कौशलों से भी परिचित करवाना चाहिए।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती पुष्पा किसपोटा बी,.एड. प्रभारी डॉ. डी.के. बोदेले IQAC समन्वय श्रीमती शेफाली मिश्रा, एम.एड. प्रभारी डॉ. अर्चना वर्मा, श्रीमती कल्पना देशमुख, श्रीमती शांतवना शुक्ला, डॉ भावना बैरागी, श्रीमती रुक्मणी सोनी, सुलभा उपाध्याय, श्वेता सिंह एवं स्वीटी चंद्राकर उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन गाइडेंस काउंसलिंग एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्रीमती धारा बेन के द्वारा किया गया।