तृतीय लिंग पर कार्यशाला
तृतीय लिंग प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्देश्य :
- छात्र अध्यापकों की तृतीय लिंग व्यक्ति /समुदाय के प्रति संवेदनशील बनाना ।
- तृतीय लिंग वर्ग की समाज में स्थिति के प्रति छात्र अध्यापकों को जागरूक करना ।
- तृतीय लिंग समुदाय के शारीरिक बनावट को समझना
- तृतीय लिंग समुदाय समुदाय की मानसिक भावनाओं को गहराई से समझना ।
- तृतीय लिंग को समाज से जोड़ना।
- तृतीय समुदाय के अंर्न्तद्ववद को समझाना।
- तृतीय लिंग समुदाय की समस्याओं को समझाना ।
स्रोत व्यक्तियों की जानकारी एवं संख्या :
1. विद्या सिंह राजपूत
2. रवीना बरिहा
माडयुल लेखन समन्वयक - श्रीमती वाय माहडिक
सहयोगी समन्वयक - श्री सुनील मिश्रा, श्री शिवनाथ माहडिक, श्रीमती लता मिश्रा
प्रतिभागियों की संख्या एवं जानकारी - समस्त B.Ed. एवं M.Ed. के छात्राध्यापक
माड्यूल लेखन - श्रीमती रचना दुबे, जीवधन, मनोज कुमार पंडा, राजकुमार आवले, पिंकी यादव, शेखर साव, लक्ष्मी देवांगन, सीमा साहु।
कार्य योजना - स्रोत व्यक्तियो की व्यवस्था करना, कार्यशाला के लिए सभागृह की व्यवस्था, स्रोत व्यक्तियों की मानदेय की व्यवस्था, स्रोत व्यक्तियों की आवास और भोजन की व्यवस्था, स्टेशनरी एवं अन्य आवश्यक सामग्री ।
यदि माड्यूल निर्माण किया गया है कार्य योजना- स्रोत व्यक्ति की व्यवस्था, उनके आवास एवं भोजन की व्यवस्था, स्टेशनरी एवं अन्य सामग्री ,टंकण की व्यवस्था,
कार्यक्रम की प्रभावशीलता में मत -
- तृतीय लिंग कार्यशाला में सभी छात्र अध्यापक स्टाफ एवं अकादमी सदस्य उपस्थित रहे।
- इस कार्यशाला में सभी का सहयोग रहा वह अनुकूल वातावरण में कार्यक्रम संम्पन्न् हुआ छात्र अध्यापकों का तृतीय लिंग समुदाय/ व्यक्तियों से आमने-सामने बातचीत करने का अवसर मिला ।
- तृतीय लिंग समुदाय की मानसिक स्थिति को समझने का अवसर मिला ।
- विद्यार्थियों में तृतीय लिंग के संबंध में फैली भ्रांतियों का निराकरण हुआ । उन्हें समाज से जुड़ने के विषय में चर्चा हुई।
- भविष्य में तृतीय लिंग समुदाय हेतु अन्य कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनी ।
- भविष्य में इस तरह की कार्यशाला को आयोजित करना जिससे तृतीय लिंग के प्रति लोगों में जागरूकता बनी रहे ।
- तृतीय लिंग समुदाय के लोग समाज से जुड़े रहे लोगों को उनके प्रति संवेदनशील बनाने के लिए बनाए रखने के लिए मॉडयुल पर आधारित शिक्षक एवं प्राचार्य के लिए प्रशिक्षण आयोजित करना ।
समन्वयक का नाम एवं हस्ताक्षर
श्रीमती वाय माहडिक