दिनांक 26/6/19 को बी.एड. चतुर्थ सेम. के 49 छात्राध्यापिकाओं/छात्राध्यापकों के साथ सिरपुर और बारनवापारा शैक्षिक भ्रमण हेतु प्रातः 8ः00 बजे महाविद्यालय परिसर से बस क्रं. CG 04 9990 से रवाना हुए जिसमें पर्यटन विभाग की हमारी साथी सुश्री सोआमी जी साथ थीं जिन्होंने दोनों जगहों पर उत्तम व्यवस्था की थी। महाविद्यालय के आचार्य सहा. प्रा. डाॅ. एस. अग्रवाल, श्री सुनील मिश्रा, श्री पारकर P.T.I. सहित सभी प्रातः 8 बजे रवाना होकर 10ः30 बजें सिरपुर पहुँचे जहाँ सिरपुर लक्ष्मण मंदिर, सुरंग टीला शिवमंदिर तथा नंदेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन किए। वहाँ 7वीं/8वीं सदी ई. के सुन्दर मंदिरों को देखकर यह जानकारी भी लेने का प्रयास किया गया कि, उस समय विविध सम्प्रदायों के मध्य किस प्रकार सौहार्द्र पूर्ण सम्बन्ध रहे होंगे। इस बात की जानकारी वहाँ के वरिष्ठ नागरिकों से लेने का प्रयास किया गया। छात्रों द्वारा घूमघूम कर सेल्फी, फोटो इत्यादि ली गयी। वहाँ से रवाना होकर सभी 11ः49 को बारनवापारा पहुँचे सभी को खूब जोरों से भूख लग रही थी। जाते ही उत्तम नाश्ते का प्रबन्ध देख सभी जलपान पर टूट पड़े। तृप्त हुए तो थोड़ा सुस्ता कर सभी खुली जीप में बैठकर जंगल भ्रमण को चले। सवा दो घंटे जीप में भ्रमण कर सभी ने जंगल व पशुओं को देखा - वनभैंसा, मोर, बन्दर, हिरण आदि वन्य जीव पूरी स्वतंत्रता से घूम रहे थे। घूम फिर कर सभी पुनः हरेली - इको फार्म पहुंचे। वहाँ भोजन की व्यवस्था थी। भोजन कर सभी ने कुछ देर आराम किया। इसके बाद सभी ने रंगारंग कार्यक्रम में भागीदारी की। इसमें गीतों का समां बांधा मोहित शर्मा ने तो पीछे-पीछे पूजा खोब्रागढ़े ने भी नृत्य कर सभी का मन मोह लिया। सारे छात्र/छात्रायें नाच-गा रहे थे। इस कार्यक्रम का आकर्षण रहा - प्रश्नावली का वह दौर जिसमें मोहित शर्मा और संतोष वर्मा ने सभी से इस जगह और आज के भ्रमण से सम्बन्धित छोटे-छोटे महत्वपूर्ण प्रश्न किए जैसे - (1) जिस बस से आये हैं उस बस का नं. क्या है? (2) इस जगह का नाम पहले क्या था? इत्यादि। कुछ जारूकता और कुछ ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में प्रश्नोत्तरी हुई। जीतने वाले को एक-एक पेन और टाॅफी प्रदान की गई। अंत में सभी ने मिलकर सुन्दर छत्तीसगढ़ी गानों पर नृत्य किया और वहाँ से हम सभी 7ः00 बजे सांय वापसी हेतु रवाना हुए।
घूरते जंगल पैरों को रोक रहे थे, पर फिर से (मन ही मन) आने का वादा करके हम सभी वहाँ से लौट चले। 10ः30 बजे रायपुर पहुँचे शिव मारवाड़ी भोजनालय, पचपेड़ी नाका में सभी ने भरपेट रात्रि भोजन किया और वहाँ से सभी महाविद्यालय परिसर आ पहुँचे।
सभी को उनके घर पहुँचाने की व्यवस्था की गई और इस तरह एक खूबसूरत और सुन्दर दिन समाप्त हुआ। जो बी.एड. चतुर्थ सेमे. छात्राध्यापकों के जेहन में सदा के लिए बस गया है। आशा है इस दिन से उन्होंने कुछ नया और जीवन में काम आने वाला सबक जरूर सीखा होगा।
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The Government College of Education is situated in the heart of the city Raipur, Capital of Chhattisgarh State. This college was established on 10th May 1956. The College is affiliated to Pt. Ravishankar Shukla University, Raipur. 17 (Seventeen) districts of Chhattisgarh are covered by this College .
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