शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय सी. टी. ई. रायपुर में समावेशी शिक्षा को स्पष्ट करने के उद्देश्य से एम. एड. प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्राध्यपको के लिए दस दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
उक्त कार्यशाला में छात्रों को ब्रेल लिपि और सांकेतिक भाषा का अभ्यास करवाया गया। छात्रों को ब्रेल लिपि से पढना लिखना अंकगणित हल करना आदि सिखाया गया। सांकेतिक भाषा मे अंग्रेज़ी की वर्णमाला सिखाकर सम्प्रेषण का अभ्यास करवाया गया। कार्यशाला को प्रायोगिक स्वरूप देने के दृष्टिकोण छात्रों को क्षेत्रावलोकन भी करवाया गया।
जिनमे हीरापुर स्थित दृष्टिबाधित बच्चो के लिए प्रेरणा स्कूल और सुंदर नगर स्थित श्रवण बाधित बच्चो के लिए कोपलवाणी स्कूल प्रमुख रहे। कोपलवाणी संस्था की संस्थापक पदमा शर्मा कार्यशाला के दौरान यही दोहराया कि इन विशेष बच्चो की पहचान जितनी जल्दी हो जाये उतनी ही सहजता से इनकी समस्या का निराकारण हो सकता है और इसमें पालक और शिक्षक की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है ।
उक्त कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य शिक्षको को इन बच्चो के प्रति संवेदनशील बनाते हुए समावेशी शिक्षा को हर संभव तरीके से सफल बनाना है ।कार्यशाला के मास्टर ट्रेनर श्रीमती इति दास गुप्ता श्रीमती सुविधाए श्रीमती तिवारी और श्री घनश्याम ए श्री लवकुश गोयल रहे।
कार्यशाला के अंतिम दिवस सभी शिक्षको ने अपने अनुभव साझा किए और महाविद्यालय तथा अपने ट्रेनर के प्रति आभार व्यक्त किया।कार्यशाला का सफल आयोजन संस्था के प्राचार्य डॉ योगेश शिवहरे के संरक्षण और प्राध्यापक श्रीमती मधु दानी तथा यु .के. चक्रवर्ती के निर्देशन में हुआ।
शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय सी.टी.ई. रायपुर में ’विशेष आवश्यकता वाले बच्चो की शिक्षा’ हेतु दिनाँक 12/2/18 से 17/2/18 तक पाँच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन एम .एड. प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए किया गया है।इसके अंतर्गत ’समावेशी शिक्षा’ को ध्यान में रखकर ब्रेल लिपि और उसके उपकरणों से छात्राध्यपको को अवगत कराया गया साथ ही उन्हें आंख बंद करके लिखने एपढ़ने और अंकगणित हल करने का भी प्रशिक्षण इस कार्यशाला के माध्यम से दिया गया।इस अनोखी कार्यशाला की समन्वयक श्रीमती मधु दानी रही।
उक्त कार्यशाला के मास्टर ट्रेनर श्री घनश्याम साहू बी.आर.पी. पाटन दुर्ग और श्रीमती सुविधा सिंह बी.आर.पी. तिल्दा रायपुर रहीं।