कार्यक्रम के प्रथम दिवस एकल नृत्य एयुगल गीत एसमूह गायन तथा वादन की शानदार प्रस्तुति हुई जिसने दर्शको को मंत्र मुग्ध कर दिया । दिनांक २८ जनवरी को भी कार्यक्रम डाइट प्रांगण में समूह नृत्य , नाटक , युगल नृत्य ए एवं वादन का आनंद उठाया गया ।
कार्यक्रम की शुरुआत युगल नृत्य से हुई जिसमे पिंगला पोरीए बरसो रे मेघा ने दर्शकों को भी नाचने पर मजबूर कर दिया।एकल गायन में ग़ुलाम अली की ग़ज़ल ने समा बांधा। इसके पश्चात अंधविश्वास पर चोट करता ’प्रयाश्चित’ सामाजिक मुद्दों को उजागर करता ’रिहर्सल’ साथ ही तिरस्कृत विकलांग कन्या और गाँव मे व्याप्त प्रथा; नाबालिग कन्या की बूढ़े व्यक्तिे से शादी द्ध जैसे संवेदनशील विषयों पर मंचित नाटकों ने दर्शकों को बेहद भावविभोर कर दिया।समूह नृत्य की प्रस्तुति रिपोर्टिंग होने तक बाकी थी ।कार्यक्रम के अंत मे सभी विधाओं में हुई प्रतियोगिताओ के परिणाम भी घोषित हुये।