शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय सी. टी. ई. रायपुर में आज दिनांक 25 सितंबर 2017 तृतीय लिंग ट्रांसजेंडर पर कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें छ. ग. ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की सदस्या और ’मितवा’ एन जी यो की कार्यकर्ता विद्या राजपूत एवं रवीना बलिया ने समाज में अपनी स्थिति एवं अस्तित्व का एहसास करवाया। दोनों ने ही अपने शुरुवाती अनुभव खुलकर साझा किए ।
विद्या जी ने अपने वक्तव्य में बताया कि मन और शरीर के बीच का अंतर ही ट्रांसजेंडर है।जैसे जल और थल के मध्य उभयचर होता हैयदिन और रात के मध्य शाम होती हैे वैसे स्त्री एवं पुरुष के मध्य ट्रांसजेंडर होता है।
रवीना जी ने ट्रांसजेंडर के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि एवं वर्तमान में केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कल्याणकारी कार्यो के विषय में विस्तृत जानकारी दी।
उक्त कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों में तृतीय लिंग लक्षण वाले बच्चो के प्रति संवेदनशील होकर उनका मनोबल बढ़ाने एवं किसी भी प्रकार के सामाजिक भेदभाव से उन्हें संरक्षित करना था।
संस्था के प्राचार्य डॉ. योगेश शिवहरे ने इस कार्यशाला के आयोजन के लिए सुनील मिश्रा और योगेश्वरी महाडिक की सराहना की और ट्रांसजेंडर के प्रति अपने विचार प्रस्तुत किये।